
PM Kisan Maandhan Yojana अब छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक स्थायी आर्थिक सुरक्षा का जरिया बनती जा रही है। यदि आप पहले से PM-Kisan Samman Nidhi के तहत रजिस्टर्ड हैं, तो अब आपको इस पेंशन स्कीम में अलग से दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इस योजना को ऑटोमेटिक रजिस्ट्रेशन और डायरेक्ट अंशदान कटौती की सुविधा के साथ जोड़ दिया है, जिससे किसानों को अब बिना किसी झंझट के हर महीने ₹3000 की आजीवन पेंशन मिल सकेगी।
योजना का उद्देश्य और लाभ
PM Kisan Maandhan Yojana का मुख्य उद्देश्य किसानों की वृद्धावस्था को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना है। इस योजना के तहत, 60 साल की उम्र के बाद पात्र किसानों को हर महीने ₹3000 पेंशन दी जाती है, यानी सालाना ₹36,000। इसके अलावा, किसान पहले की तरह PM-Kisan Samman Nidhi के तहत सालाना ₹6000 की सहायता राशि भी प्राप्त करते रहेंगे। इस तरह दोनों योजनाओं को जोड़ने पर किसानों को कुल ₹42,000 सालाना का लाभ मिलता है।
कौन किसान जुड़ सकते हैं योजना से
यह योजना उन किसानों के लिए उपलब्ध है, जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है। योजना में जुड़ने के लिए उन्हें अपनी उम्र के अनुसार हर महीने एक तय राशि का अंशदान (contribution) करना होता है।
- यदि कोई किसान 18 वर्ष की उम्र में जुड़ता है, तो उसका मासिक अंशदान ₹55 होगा।
- वहीं, 40 वर्ष की उम्र पर यह राशि ₹200 प्रति माह हो जाती है।
यह अंशदान राशि सरकार द्वारा मैचिंग कंट्रीब्यूशन के तौर पर बराबर दी जाती है। यानी अगर आप ₹100 देते हैं, तो सरकार भी ₹100 जोड़ेगी।
प्रक्रिया हुई आसान
अगर किसान पहले से PM-Kisan Samman Nidhi योजना से जुड़े हैं, तो उन्हें अब अलग से कोई फॉर्म भरने या दस्तावेज़ देने की जरूरत नहीं। सभी आवश्यक जानकारियाँ पहले से सरकार के पास होती हैं, जिससे किसान को सीधे PM Kisan Maandhan Yojana में ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन मिल जाता है।
साथ ही, जो मासिक अंशदान किसान को देना है, वह भी सम्मान निधि के खाते से ऑटोमैटिक डिडक्शन के ज़रिए किया जाता है। इससे किसानों को न बैंक चक्कर लगाने की जरूरत होती है और न किसी एजेंट के पास जाने की।
बार-बार मिलने वाला फायदा
योजना की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह लाइफटाइम पेंशन स्कीम है। एक बार किसान 60 वर्ष की उम्र तक अंशदान देता है, उसके बाद उसे हर महीने ₹3000 पेंशन मिलती रहती है जब तक वह जीवित है। इसके साथ ही ₹6000 सालाना की तीन किस्तें भी मिलती रहती हैं, जो किसान सम्मान निधि योजना से आती हैं। इस तरह किसान को हर साल ₹42,000 की सीधी सरकारी मदद मिलती है।