
स्पोर्ट्स कोटा (Sports Quota) भारत सरकार की एक विशेष नीति है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को शिक्षा और सरकारी नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण प्रदान करना है। यह प्रावधान खेल प्रतिभाओं को न केवल पहचान दिलाता है, बल्कि उन्हें एक स्थायी करियर की ओर भी अग्रसर करता है। चाहे वह किसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो या रेलवे, पुलिस, सेना जैसी सरकारी नौकरियां—स्पोर्ट्स कोटा एक बड़ा फायदा प्रदान करता है।
किन्हें मिलता है स्पोर्ट्स कोटा का लाभ?
स्पोर्ट्स कोटा का लाभ केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मिलता है जो किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपने राज्य या देश का प्रतिनिधित्व कर चुके होते हैं। इसके अलावा, इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले, ऑल इंडिया स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित खेलों में भाग लेने वाले, या नेशनल फिजिकल एफिशिएंसी ड्राइव के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वाले उम्मीदवार भी इसके पात्र होते हैं।
इन पात्रताओं के साथ-साथ उम्मीदवार को कम से कम 10वीं या 12वीं पास होना अनिवार्य है। साथ ही, उनके पास खेल में प्रमाणित प्रदर्शन का प्रमाणपत्र होना चाहिए, जिसे संबंधित खेल संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त हो।
कहां-कहां लागू होता है स्पोर्ट्स कोटा?
स्पोर्ट्स कोटा शिक्षा और सरकारी नौकरियों दोनों क्षेत्रों में लागू होता है।
शैक्षणिक संस्थानों की बात करें तो यह कोटा स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में दाखिले के समय लागू होता है। वहीं सरकारी नौकरियों में यह कोटा रेलवे, पुलिस, सेना, CAPF (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल), और कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में लागू होता है।
स्पोर्ट्स कोटा के अंतर्गत चयन प्रक्रिया
स्पोर्ट्स कोटा के तहत चयन प्रक्रिया में चार प्रमुख चरण होते हैं:
सबसे पहले उम्मीदवार को संबंधित विभाग या संस्थान में औपचारिक आवेदन करना होता है। इसके बाद खेल संबंधी प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जाता है ताकि उनकी प्रामाणिकता जांची जा सके। इसके उपरांत स्पोर्ट्स ट्रायल आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उम्मीदवार की वर्तमान खेल क्षमता का परीक्षण होता है। कई मामलों में विभाग लिखित परीक्षा या साक्षात्कार भी आयोजित करते हैं, खासकर जब प्रतिस्पर्धा अधिक हो।
स्पोर्ट्स कोटा से मिलने वाले लाभ
स्पोर्ट्स कोटा खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में स्थान पाने का एक विशेष अवसर प्रदान करता है। इससे उन्हें स्थिर नौकरी, सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक सुरक्षा मिलती है। शैक्षणिक संस्थानों में यह कोटा उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे वे अपनी प्रोफेशनल स्किल्स को और अधिक निखार सकते हैं। इसके अलावा, यह नीति खेल को एक पेशेवर करियर के रूप में अपनाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करती है।
सरकारी स्तर पर स्पोर्ट्स कोटा न केवल खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से लाभ देता है, बल्कि देश की खेल नीति को भी मजबूती देता है। इससे देश को वैश्विक खेल मंचों पर और अधिक प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है।