
जब आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो सबसे पहला कदम होता है डीमैट अकाउंट खोलना। डीमैट अकाउंट, यानी डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट, एक ऐसा खाता होता है जिसमें आपके सभी निवेश जैसे शेयर, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स, ईटीएफ, इंश्योरेंस और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है। जैसे पैसे के लेन-देन के लिए सेविंग अकाउंट जरूरी होता है, वैसे ही मार्केट में ट्रेडिंग या निवेश के लिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य होता है।
क्या एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?
बिलकुल, आप एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रख सकते हैं। SEBI (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की ओर से ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है जो आपको एक से अधिक डीमैट अकाउंट रखने से रोके। बस ध्यान रखें कि एक ही ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट नहीं खोले जा सकते। अलग-अलग ब्रोकर या DP के जरिए आप जितने चाहें उतने डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। हर खाते को पैन कार्ड से लिंक करना आवश्यक होता है।
एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट के फायदे
एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप अपने पोर्टफोलियो को अलग-अलग उद्देश्यों के लिए विभाजित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक अकाउंट में आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और दूसरे में शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग। इससे ट्रांजैक्शन के समय कन्फ्यूजन कम होगा। इसके अलावा, अलग-अलग ब्रोकर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सर्विस फीचर्स, यूजर इंटरफेस और रिसर्च टूल्स का भी लाभ उठाया जा सकता है। यह आपको बेहतर निवेश अनुभव देने में मदद करता है।
एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट के नुकसान
जहां फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं। सबसे बड़ा नुकसान है अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज का बढ़ जाना। हर डीमैट अकाउंट पर सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजैक्शन फीस और अन्य शुल्क लगते हैं। इसके अलावा, अगर आप किसी अकाउंट में लंबे समय तक लॉग इन नहीं करते, तो वह अकाउंट फ्रीज हो सकता है। इस स्थिति में आपको उसे फिर से एक्टिवेट करवाना होगा, जो एक अतिरिक्त प्रक्रिया है। नौकरीपेशा या कम समय देने वाले निवेशकों के लिए एक से अधिक अकाउंट मैनेज करना मुश्किल हो सकता है।
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें?
डीमैट अकाउंट खोलना आज के समय में काफी आसान हो गया है। आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से खोल सकते हैं। ऑनलाइन प्रोसेस के लिए आपको अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) की वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर आपको आवेदन फॉर्म भरना होगा और अपनी KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके लिए जरूरी दस्तावेज हैं – पहचान पत्र (आधार/पैन कार्ड), पता प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कैंसिल चेक और पासपोर्ट साइज फोटो। दस्तावेज़ वेरिफिकेशन के बाद आपका डीमैट अकाउंट सफलतापूर्वक एक्टिवेट हो जाएगा।