
Mutual Funds SIP आज के दौर में निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में उभरा है। खासकर जब लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर प्लानिंग करते हैं, तो SIP एक भरोसेमंद विकल्प बन जाता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा बड़े होकर एक मजबूत फाइनेंशियल बेस के साथ आगे बढ़े, तो माइनर के नाम से SIP शुरू करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। लेकिन इसमें निवेश से पहले कुछ ज़रूरी नियम और प्रक्रियाएं समझनी बेहद जरूरी हैं।
माइनर के लिए SIP के नियम क्या कहते हैं?
SIP में निवेश की न तो उम्र की कोई बाध्यता है और न ही न्यूनतम राशि की कोई सीमित शर्त। आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना ही ज्यादा कॉम्पाउंडिंग का लाभ मिलेगा। माइनर के नाम से SIP केवल उसका पेरेंट या लीगल गार्जियन ही शुरू कर सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि SIP अकाउंट में सिर्फ माइनर का ही नाम हो सकता है—इसमें जॉइंट होल्डर की अनुमति नहीं दी जाती है।
इन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी
जब आप माइनर के नाम से SIP शुरू करते हैं, तो निवेशक को माइनर की उम्र और उसके साथ रिश्ते को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं। इसमें मुख्य रूप से बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, या ऐसा कोई मान्य डॉक्यूमेंट देना होता है, जिससे माइनर की उम्र और अभिभावक के साथ रिश्ते की पुष्टि हो सके। इसके साथ ही, गार्जियन को KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है।
यदि SIP के लिए फंड ट्रांसफर बच्चे के बैंक अकाउंट से किया जा रहा है, तो यह सीधे तौर पर किया जा सकता है। लेकिन अगर अभिभावक के अकाउंट से निवेश हो रहा हो, तो थर्ड पार्टी डिक्लरेशन फॉर्म भरकर जमा करना अनिवार्य होता है।
18 वर्ष पूरे होने पर क्या होता है?
SIP माइनर के नाम पर केवल तब तक मान्य रहता है, जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता। जैसे ही बच्चा बालिग होता है, फंड हाउस की ओर से यूनिट होल्डर को एक नोटिस भेजा जाता है जिसमें उसे अपने स्टेटस को ‘माइनर’ से ‘मेजर’ में बदलने की जानकारी दी जाती है। इसके लिए निवेशक को पहचान और उम्र प्रमाणित करने वाले दस्तावेजों के साथ एक आवेदन देना होता है। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, SIP को अस्थायी रूप से रोक दिया जा सकता है।