बैंक लॉकर में रखा कीमती सामान गायब हो जाए तो क्या होगा? जानिए नुकसान की भरपाई के नियम

अगर आपके बैंक लॉकर में रखा कीमती सामान चोरी या नष्ट हो जाए, तो RBI के नियमों के तहत कुछ मामलों में बैंक को मुआवज़ा देना होता है। यह मुआवज़ा लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक हो सकता है। परंतु प्राकृतिक आपदाओं या नकदी के नुकसान पर बैंक जिम्मेदार नहीं होता। लॉकर में रखे सामान की सूची, बीमा और लॉकर एग्रीमेंट की जानकारी आवश्यक है।

By Pankaj Singh
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यदि आपके बैंक लॉकर में रखा कीमती सामान चोरी हो जाए, नष्ट हो जाए या किसी अप्रत्याशित घटना का शिकार हो जाए, तो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस विषय में स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं। ये नियम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करते हैं और बैंकों की जवाबदेही तय करते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि किन परिस्थितियों में बैंक को मुआवज़ा देना होता है, मुआवज़े की सीमा क्या होती है और किन हालात में बैंक इस जिम्मेदारी से मुक्त होता है।

बैंक की जिम्मेदारी किन परिस्थितियों में बनती है?

RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि बैंक की लापरवाही के कारण लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान होता है, तो बैंक को ग्राहक को मुआवज़ा देना होता है। यह जिम्मेदारी तब बनती है जब लॉकर से चोरी या डकैती हो जाए, बैंक में आग लग जाए, बैंक कर्मचारी द्वारा धोखाधड़ी की जाए या बैंक की इमारत ही गिर जाए। इन सभी मामलों में बैंक की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही मानी जाती है और ग्राहक को हर्जाना देने की जिम्मेदारी बैंक की होती है।

मुआवज़े की राशि क्या होती है?

RBI ने स्पष्ट किया है कि मुआवज़े की अधिकतम सीमा लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके लॉकर का वार्षिक किराया ₹5,000 है, तो आपको अधिकतम ₹5,00,000 तक मुआवज़ा मिल सकता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि भले ही लॉकर में रखा सामान ₹10 लाख का हो, मुआवज़ा 5 लाख से अधिक नहीं मिलेगा।

किन परिस्थितियों में बैंक को मुआवज़ा देने की ज़रूरत नहीं होती?

प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में, जैसे कि भूकंप, बाढ़ या बिजली गिरना, यदि लॉकर का सामान नष्ट हो जाता है, तो बैंक को मुआवज़ा देने की बाध्यता नहीं होती। इस स्थिति को ‘एक्ट ऑफ गॉड’ की श्रेणी में रखा गया है और बैंक इसमें जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता।

क्या लॉकर में नकदी रखना सही है?

भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, लॉकर में नकदी या करेंसी रखना मान्य नहीं है। यदि कोई ग्राहक ऐसा करता है और किसी घटना में यह नकदी नष्ट हो जाती है, तो बैंक मुआवज़ा नहीं देगा। इसलिए लॉकर का उपयोग केवल आभूषण, दस्तावेज़, या अन्य कीमती वस्तुएं रखने के लिए ही करें।

लॉकर में सामान रखने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

लॉकर उपयोग से पहले कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतना आवश्यक है। सबसे पहले, लॉकर में रखे गए सभी सामान की एक सूची तैयार करें और उसकी तस्वीरें सुरक्षित रखें। यदि संभव हो, तो कीमती सामान का बीमा करवा लें। इसके अलावा, लॉकर एग्रीमेंट की सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें और समय-समय पर लॉकर की जांच करते रहें।

नुकसान होने की स्थिति में क्या करें?

यदि लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान पहुंचता है, तो सबसे पहले उस बैंक को लिखित में सूचित करें जहां आपका लॉकर है। इसके साथ ही नज़दीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराएं। यदि बैंक मुआवज़ा देने से इनकार करता है, तो उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करना आपका अधिकार है। आरबीआई ने ग्राहकों को इस तरह की शिकायतों के लिए विधिक विकल्प उपलब्ध कराए हैं।

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Pankaj Singh

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