
हाल ही में Gold Rate Trends में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के चलते निवेशकों ने सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हुए इसे तेजी से खरीदा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का जून वायदा भाव 93,736 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस तेजी ने निवेशकों के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा सकती हैं या फिर मौजूदा तेजी केवल एक अस्थायी उछाल है?
1 लाख रुपये तक जाएगा सोना या नहीं?
स्प्रॉट एसेट मैनेजमेंट के सीनियर पोर्टफोलियो मैनेजर रयान मैकिन्टायर के अनुसार, वैश्विक अस्थिरता, केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद और अमेरिका की टैरिफ नीति जैसे फैक्टर Gold Price को स्थिरता प्रदान कर रहे हैं। वहीं, कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह का मानना है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस वर्ष ब्याज दरों में दो बार कटौती करता है, तो Gold Rate 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी हेड किशोर नार्ने ने सोने की कीमतों की कोई सीमा तय नहीं मानी। उन्होंने संभावना जताई कि Gold International Market में $4,000-4,500 प्रति औंस तक जा सकता है, जो भारतीय बाजार में रिकॉर्डतोड़ स्तर को छू सकता है।
क्या मौजूदा तेजी भ्रम है?
अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता की राय इससे थोड़ी अलग है। उनका कहना है कि वर्तमान तेजी बीते ट्रेंड का विस्तार है, कोई नई शुरुआत नहीं। वे मानते हैं कि सोने में जो बुलिश फैक्टर काम कर रहे थे, वे पहले ही बाजार में शामिल हो चुके हैं, इसलिए अब इसमें कोई बड़ा उछाल नहीं दिखेगा। उनके मुताबिक, सोना 1 लाख रुपये तक नहीं पहुंचेगा।
क्या 40% तक गिरेगा सोना?
इस तेजी के उलट, मॉर्निंगस्टार के मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट जॉन मिल्स ने गोल्ड प्राइस में बड़ी गिरावट की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि Gold Price गिरकर $1,820 प्रति औंस तक आ सकता है, जो वर्तमान स्तर $3,080 प्रति औंस से करीब 38-40% कम होगा। ऐसे में भारत में सोने का भाव गिरकर 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। इसके पीछे उन्होंने सप्लाई में बढ़ोतरी, मांग में कमी और मार्केट सैचुरेशन जैसे कारण बताए हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशक इस समय दोराहे पर खड़े हैं। एक ओर सोने के 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है, तो दूसरी ओर 40% की गिरावट का डर भी है। ऐसी स्थिति में Gold में निवेश से पहले सावधानी जरूरी है। लॉन्ग टर्म गोल रखने वाले निवेशक सोने को धीरे-धीरे खरीद सकते हैं, जबकि शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को बाजार की चाल समझकर ही निर्णय लेना चाहिए।