
भारतीय रिजर्व बैंक-RBI ने 9 अप्रैल को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले का सीधा असर लोन interest rates पर पड़ा है, जिससे देश के चार बड़े सरकारी बैंकों ने अपने-अपने कर्ज की ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत तक की कटौती की है। यह कदम मौजूदा आर्थिक माहौल में आम लोगों और व्यवसायों दोनों के लिए राहत लेकर आया है।
सरकारी बैंकों ने तुरंत घटाईं ब्याज दरें
RBI के रेपो रेट में कटौती की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद इंडियन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक-PNB ने अपनी रेपो आधारित उधार दर-RBLR को घटाने की जानकारी दी। इससे पहले बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक भी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर चुके थे। इंडियन बैंक ने बताया कि 11 अप्रैल से उसकी नई दरें प्रभावी होंगी। यह नई ब्याज दरें न सिर्फ नए कर्जदारों के लिए लाभकारी होंगी, बल्कि मौजूदा ग्राहकों की EMI पर भी सकारात्मक असर डालेंगी।
इंडियन बैंक और पीएनबी की नई दरें
इंडियन बैंक ने अपने RBLR को 0.35 प्रतिशत घटाकर 9.05 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत कर दिया है। यह नई दरें 11 अप्रैल से लागू होंगी। वहीं, PNB ने अपनी रेपो आधारित ब्याज दर को 9.10 प्रतिशत से घटाकर 8.85 प्रतिशत कर दिया है, जो गुरुवार से प्रभावी हो गई है। बैंक ऑफ इंडिया ने भी RBLR में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर उसे 8.85 प्रतिशत पर लाया है। यूको बैंक ने भी अपनी उधारी दर को घटाकर 8.80 प्रतिशत कर दिया है।
लोन लेने वालों को राहत, FD निवेशकों को झटका
रेपो रेट में कटौती से जहां लोन लेने वालों को EMI में राहत मिलेगी, वहीं FD पर ब्याज दरें भी घट सकती हैं। अक्सर देखा गया है कि जब रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंक अपनी डिपॉजिट रेट्स में भी बदलाव करते हैं। इसका असर उन निवेशकों पर पड़ सकता है जो फिक्स्ड डिपॉजिट-FD को प्राथमिकता देते हैं। आने वाले दिनों में बैंकों द्वारा FD पर ब्याज दरों में कमी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।