
नो पार्किंग में गाड़ी लगाना एक सामान्य लेकिन गंभीर ट्रैफिक उल्लंघन है, खासकर दिल्ली जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों में, जहां पार्किंग स्पेस की कमी के चलते यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जैसे ही कोई वाहन नो पार्किंग-Zone में खड़ा किया जाता है, ट्रैफिक पुलिस तुरंत ऐक्शन लेती है और उस वाहन को उठा ले जाती है। इस प्रोसेस को टेक्निकल टर्म में टोइंग-Towing कहा जाता है।
ट्रैफिक पुलिस कब करती है Towing?
जनसंख्या और वाहनों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा होने के कारण दिल्ली जैसे शहरों में पार्किंग की जगह बहुत सीमित रह गई है। इसी वजह से कई बार लोग जानबूझकर या अनजाने में नो पार्किंग एरिया में भी वाहन खड़ा कर देते हैं। ट्रैफिक पुलिस ऐसे मामलों में एक्शन लेते हुए उस गाड़ी को तुरंत टो कर ले जाती है, जिससे रोड पर ट्रैफिक बाधित न हो। ये ऐक्शन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए लिया जाता है।
टोइंग की गई गाड़ी कहां जाती है?
जब ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी को नो पार्किंग से टोइंग कर ले जाती है, तो उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन या ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्धारित टॉविंग यार्ड में रखा जाता है। अगर आपको अपनी गाड़ी नहीं मिल रही है, तो आप सीधे पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल करके या मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी से पूछकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आपकी गाड़ी को कहां ले जाया गया है।
टोइंग के दौरान डैमैज होने पर क्या होगा?
कई बार ऐसा होता है कि गाड़ी को टोइंग करते समय लापरवाही बरती जाती है, जिससे वाहन को नुकसान पहुंचता है। इस स्थिति में वाहन मालिक नुकसान की भरपाई की मांग कर सकते हैं। 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि टोइंग के दौरान अगर गाड़ी को नुकसान होता है, तो वाहन मालिक टोइंग ऑपरेटर से मुआवज़ा मांग सकते हैं। यह फैसला वाहन मालिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक अहम उदाहरण है।
चालान कितना भरना पड़ता है?
नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काटती है और गाड़ी टोइंग कर ली जाती है। आमतौर पर चालान की राशि 500 रुपये होती है, लेकिन यह राशि शहर और इलाके के हिसाब से थोड़ी बहुत बदल सकती है। कुछ मामलों में यह जुर्माना ज्यादा भी हो सकता है, खासकर अगर पहले से कोई ट्रैफिक उल्लंघन दर्ज हो।
टोइंग हुई गाड़ी कैसे वापस मिलेगी?
टोइंग की गई गाड़ी को वापस पाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि उसे कहां ले जाया गया है। इसके लिए आप ट्रैफिक पुलिस की हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं या ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी देख सकते हैं। एक बार जब आपको स्थान की पुष्टि हो जाए, तो वहां जाकर चालान की राशि जमा करनी होती है। चालान भरने के बाद वाहन को आपको वापस सौंप दिया जाता है।