SIP Investment: SIP से बनाएं करोड़ों! ₹39,000 के निवेश से 10 साल में कैसे बनेगा ₹1 करोड़ का फंड – जानें कैलकुलेशन

₹1 करोड़ का फंड तैयार करना SIP Investment से संभव है, यदि आप हर महीने ₹39,000 का नियमित निवेश करें और 12% सालाना रिटर्न मिलें। इस कैलकुलेशन से 10 वर्षों में लगभग ₹98 लाख का फंड बन सकता है। सही म्यूचुअल फंड का चयन और अनुशासित निवेश से आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को समय पर पूरा कर सकते हैं।

By Pankaj Singh
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SIP Investment यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक ऐसी रणनीति है जो अनुशासन और नियमितता के साथ निवेश को बढ़ावा देती है। खास बात यह है कि अगर सही प्लानिंग और फंड का चयन किया जाए, तो ₹39,000 की मासिक SIP से 10 वर्षों में लगभग ₹1 करोड़ का फंड तैयार किया जा सकता है। इसमें कंपाउंडिंग और सही रिटर्न रेट की भूमिका सबसे अहम होती है।

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₹1 करोड़ का लक्ष्य

अगर निवेशक 12% सालाना रिटर्न की उम्मीद रखते हैं, तो 10 वर्षों तक हर महीने ₹39,000 की SIP से निवेश करके वे करीब ₹98 लाख का फंड बना सकते हैं। इस अवधि में कुल निवेश ₹46.8 लाख होगा, जबकि बाकी रकम कंपाउंडिंग से जुड़े ब्याज के जरिए आएगी। ₹1 करोड़ तक पहुँचने के लिए या तो रिटर्न slightly बढ़ाना होगा या निवेश की अवधि कुछ और बढ़ानी पड़ेगी।

SIP Calculator से करें प्लानिंग की शुरुआत

SIP Calculator एक महत्वपूर्ण टूल है जो निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि उनके द्वारा किया गया मासिक निवेश, तय अवधि और अपेक्षित वार्षिक रिटर्न के आधार पर किस हद तक ग्रो कर सकता है। यदि आपका लक्ष्य ₹1 करोड़ है और समयसीमा 10 साल की है, तो SIP Calculator के जरिए आप यह तय कर सकते हैं कि किस राशि का निवेश आवश्यक होगा।

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सही म्यूचुअल फंड का चयन है सफलता की कुंजी

₹1 करोड़ का पोर्टफोलियो बनाने के लिए सिर्फ नियमित निवेश ही नहीं, बल्कि सही म्यूचुअल फंड का चयन भी बेहद जरूरी है। निवेशकों को ऐसे फंड्स चुनने चाहिए जिन्होंने लम्बे समय तक स्थिर और अच्छा प्रदर्शन किया हो। Equity Mutual Funds आमतौर पर उच्च रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं, लेकिन साथ ही इनमें जोखिम भी शामिल होता है, जिसे निवेश से पहले समझना जरूरी है।

जोखिम प्रबंधन और लॉन्ग टर्म सोच का तालमेल

हर SIP योजना के साथ कुछ न कुछ जोखिम जुड़ा होता है। लेकिन यदि निवेश लॉन्ग टर्म यानी लंबी अवधि के लिए किया गया हो और निवेशक ने अपने लक्ष्यों के अनुसार रिस्क प्रोफाइल चुनी हो, तो यह जोखिम मैनेज किया जा सकता है। लंबी अवधि के निवेश में बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलने की क्षमता होती है और कंपाउंडिंग का प्रभाव ज्यादा असर दिखाता है।

निवेश अनुशासन और धैर्य की मांग

SIP Investment एक ऐसी प्रक्रिया है जो निवेशक से अनुशासन, धैर्य और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करती है। बहुत से निवेशक बीच में ही SIP बंद कर देते हैं, जिससे उनका दीर्घकालिक लक्ष्य अधूरा रह जाता है। अगर आप ₹1 करोड़ तक पहुँचना चाहते हैं, तो जरूरी है कि आप अपनी SIP को बिना रुके बनाए रखें और समय-समय पर रिव्यू भी करें।

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