SBI FD Scheme: दोस्तों, आज के समय में अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश करना बहुत जरूरी है। ऐसे में अगर आप अपने पैसे को बिना किसी जोखिम के सुरक्षित रखना चाहते हैं और साथ ही अच्छा रिटर्न भी पाना चाहते हैं, तो SBI FD Scheme आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की यह स्कीम देश के लाखों नागरिकों द्वारा भरोसेमंद मानी जाती है और इसमें निवेश करने से आपकी जमा राशि पूरी तरह से सुरक्षित रहती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एफडी स्कीम क्या है?
एसबीआई की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) स्कीम में आपको एकमुश्त राशि जमा करनी होती है, जिस पर निश्चित ब्याज दर के अनुसार रिटर्न मिलता है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो बिना जोखिम के अपने धन को बढ़ाना चाहते हैं। इस स्कीम में निवेश के लिए न्यूनतम अवधि 7 दिन से लेकर अधिकतम 10 साल तक है।
ब्याज दर और अवधि के अनुसार लाभ
एसबीआई एफडी में ब्याज दरें जमा की गई राशि और उसकी अवधि के आधार पर तय होती हैं। फिलहाल ब्याज दरें इस प्रकार हैं:
- 7 दिन से 45 दिन तक: आम नागरिकों को 3.50% और वरिष्ठ नागरिकों को 4.00% ब्याज।
- 1 साल से 2 साल तक: आम नागरिकों के लिए 6.80% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.30% ब्याज।
- 5 साल तक: आम नागरिकों को 6.75% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.25% ब्याज।
उदाहरण के लिए, यदि आप 3 लाख रुपये 5 साल के लिए एफडी में निवेश करते हैं, तो आपको 6.75% ब्याज के साथ कुल 4,19,250 रुपये का रिटर्न मिलेगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त लाभ
एसबीआई एफडी योजना वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त 0.50% ब्याज दर का लाभ देती है। यह विशेष प्रावधान उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से है। जैसे कि 5 साल की एफडी पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.25% की बजाय 7.75% ब्याज मिलता है।
खाता खुलवाने की प्रक्रिया
एसबीआई एफडी खाता खोलने के लिए आप बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए बैंक ने ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी प्रदान की है। आप SBI YONO ऐप की मदद से घर बैठे ही खाता खोल सकते हैं।
(FAQs)
1. एसबीआई एफडी में न्यूनतम कितनी राशि जमा की जा सकती है?
आप कम से कम ₹1,000 की राशि जमा कर सकते हैं।
2. क्या एफडी पर लोन मिल सकता है?
हां, आप अपनी एफडी के खिलाफ लोन ले सकते हैं।
3. एफडी मैच्योरिटी से पहले तोड़ने पर क्या होगा?
मैच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने पर पेनल्टी लागू होती है और ब्याज दर कम हो सकती है।